कटी जीवन की सारी कठनाईयाँ

कटी जीवन की सारी कठनाईयाँ,
घूमी जो तेरी मोर छड़ी,
कटी जीवन की सारी कठनाईयाँ

श्याम सिर मेरा झुका तेरे दर पे,
मेरे वारे बयारे हुए घर के,
संग रहे सदा तेरी परछाईया,
घूमी जो तेरी मोर छड़ी,
कटी जीवन की सारी कठनाईयाँ

मेरी दुनिया में हुई पहचान है मुझे एसा दियां तूने वरदान है,
मिली दुनिया की मुझे सारी खुशियाँ,
घूमी जो तेरी मोर छड़ी,
कटी जीवन की सारी कठनाईयाँ

तेरा एहसान मुझपे है संवारे,
मेरे सिर पे है रखा तूने हाथ रे,
मुझे देने लगे लोग वधाईयां,
घूमी जो तेरी मोर छड़ी,
कटी जीवन की सारी कठनाईयाँ

तूने किरपा यु मुझपे लुटाई है हर घडी मेरी लाज बचाई है ,
सारी बिगड़ी ही बात बनाईया घूमी जो तेरी मोर छड़ी,
कटी जीवन की सारी कठनाईयाँ

हर घडी तेरा रूप रहे समाने कहे संजय सब कुछ दियां श्याम ने,
दूर शर्मा की सब बुराइयां
घूमी जो तेरी मोर छड़ी,
कटी जीवन की सारी कठनाईयाँ
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