जब से साईं की ज्योति जली है

मिट गया मन का सारा अँधेरा,
जब से साईं की ज्योति जली है,
जिंदगी के मज़े आ रहे हैं,
जब से साईं की चौखट मिली हैं,
मिट गया मन का सारा अँधेरा....

दर बदर फिर रहा था मारा,
कोई अपना नहीं था हमारा,
मिल गई मुझे मंजिल,
जबसे मिल गया साई जी का सहारा,
कर दिया साईं जी ने करम जो,
मेरी सूनी ये बगिया खिली है,
मिट गया मन का सारा अँधेरा,
जब से साईं की ज्योति जली है,
जिंदगी के मज़े आ रहे हैं,
जब से साईं की चौखट मिली हैं,
मिट गया मन का सारा अँधेरा,
जब से साईं की ज्योति जली है.....

जब बुरा वक्त मुझपे आया,
हो गए थे अपने बेगाने,
देख हालत मुश्किल में मेरे,
दूरिया थे लगे सब बनाने,
साई का जब सहारा मिला तो,
पल में सारी मुसिबत टली है,
जिंदगी के मज़े आ रहे हैं,
जब से साईं की चौखट मिली हैं,
मिट गया मन का सारा अँधेरा,
जब से साईं की ज्योति जली है....

मुझसे बेहतर ये किसको पता हैं,
ध्यान साईं का निश्फल ना जाए,
भाव से साईं सुमिरन जो कर ले,
हैसियत से भी ज्यादा वो पाए,
साई जैसा दयालु ना कोई,
चर्चा गाव शहर हर गली है,
जिंदगी के मज़े आ रहे हैं,
जब से साईं की चौखट मिली हैं,
मिट गया मन का सारा अँधेरा,
जब से साईं की ज्योति जली है...

मैं मुक्कदर का कितना धनी हूं,
साईं ने मुझे अपना बनाया,
लेके अपनी शरण साई जी ने,
मंत्र श्रद्धा सबुरी सिखाया,
डूबने को जो थी मेरी नैया,
वो किनारे पे आ लगी हैं,
मिट गया मन का सारा अँधेरा,
जब से साईं की ज्योति जली है,
मिट गया मन का सारा अँधेरा,
जब से साईं की ज्योति जली है....
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