जिनकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
वो केडसती मेरी मैय्या लखदातार है,
जिनके चरणों में झुकता ये संसार है,
वो मेरी मात है वो मेरी मात है,
जिनकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
वो केडसती मेरी मैय्या लखदातार है॥
मेरी दादी खुश होकर के, केडधाम में आई,
अपने परिवार को देती,ये हरदम ही सकलाई,
जो करती अपने भक्तों का उद्धार है,
वो मेरी मात है वो मेरी मात है,
जिनकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
वो केडसती मेरी मैय्या लखदातार है॥
दादी को रोली प्यारी, दादी को मेहंदी प्यारी,
दादी को चुनड़ी प्यारी, जिसमें गोटा है भारी,
जो करती हरदम सोलह सिंणगार है,
वो मेरी मात है वो मेरी मात है,
जिनकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
वो केडसती मेरी मैय्या लखदातार है॥
मुंडल जी को लगती प्यारी, चारों सतियाँ है हमारी,
खेमी, तोली,ठुकरी, संतोखी दादी प्यारी,
जो देती हरदम भक्तों को वरदान है,
वो मेरी मात है वो मेरी मात है,
जिनकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
वो केडसती मेरी मैय्या लखदातार है॥
भक्तों ने मिलकर माँ का, सुंदर मंदिर है बनाया,
हर उत्सव में दादी का, सुंदर दरबार सजाया,
"मधु" करती हरदम जिनका गुणगान है,
वो मेरी मात है वो मेरी मात है,
जिनकी चौखट पे झुकता ये संसार है,
वो केडसती मेरी मैय्या लखदातार है.....