सीया सुकुमारी मिथिला की दुलारी,
पाहून हमर रघुवर धनु धारी....
चारौ दूलह दशरथ के रे नंदन।।
अद्भुत रूप निहारी...-2
भेलौ मगन सुनि नर और नारी।।
पाहून हमर रघुवर.....
रूप बदल ऋषि मुनि सब एला।।
और पुष्पन बर साई...-2
अब अवध पूरी के युवराज रघुराइ।।
पाहून हमर रघुवर.....
जिनकर वर्णन वेद करै अछी।।
अखिल लोक सुखदाई...-2
कौशल्या सूत राम जमाई।।
पाहून हमर रघुवर .....
सीया सुकुमारी मिथिला की दुलारी,
पाहून हमर रघुवर धनु धारी....