प्रभु नाम का बंदे अमृत तू चखले,
श्रीराम भजले सिया राम जपले,
दिल से बोले जो श्रीराम, बनते उनके बिगड़े काम,
नाम पुकारो सुबहो शाम, जय रघुनंदन जय सिया राम,
दिल से बोले जो श्रीराम.....
रघु नंदन की किजै भक्ति, भक्ति से सबको मिलती है शक्ति,
सच्चे मन से याद करे जो, उसको ही मिल जाती है मुक्ति,
राम से आगे कोई न नाम,
जय रघु नंदन जय सियाराम....
बाल अवस्था खेल गवाई, और जवानी सोय बिताई,
वृद्ध भये माया उपजाई, अब जावन की बारी आई,
रटले अब तो राम का नाम,
जय रघु नंदन जय सियाराम.....
दिल से बोले जो श्री राम बनते उनके बिगड़े काम,
नाम पुकारो सुबहो शाम, जय रघु नंदन जय सियाराम....
डॉ सजन सोलंकी