( यूँ तो क्या क्या नज़र नहीं आता कोई बाबा सा नज़र नहीं आता,
झोलियाँ सबकी भर दी जाती है मगर देने वाला श्याम बाबा नज़र नहीं आता। )
ओ प्रेमी जो भी मांगते हैं श्याम सरकार देते हैं,
करम करते हैं जब बाबा तो पुश्तें तार देते हैं....
सजाते हैं जो बाबा को उन्हें बाबा सजाते है,
रिझाते हैं जो बाबा को उन्हें सारे रिझाते है,
शहंशाह है त्रिलोकी का ठाठ और बाट देते है,
करम करते हैं जब बाबा तो पुश्तें तार देते हैं,
ओ प्रेमी जो भी मांगते हैं.....
जो खाता ठोकर दुनिया की उसे बाबा संभाले हैं,
कोई ना जिसका होता है गले उसको लगाते हैं,
करिश्मा श्याम प्रभु का ये भगत महसूस करते हैं,
करमा करते हैं जब बाबा तो पुश्तें तार देते हैं,
ओ प्रेमी जो भी मांगते हैं....
वो अपने प्रेमी की खातिर वो करता लीले की असवारी,
जब जब भीड़ पड़ी भक्तों पर आ जाते हैं तीन बाणधारी,
ओ दिखता नहीं है पर बाबा वो रक्षा सब की करते हैं,
करम करते हैं जब बाबा तो पुश्तें तार देते हैं,
ओ प्रेमी जो भी मांगते हैं....
नमन करता हूँ मैं बाबा मुझे तेरी आस है,
गुज़ारा प्रेमियों का तू प्रेमियूं की तू जान है,
वो कहता हर्ष दीवाना ये श्याम सब वार देते हैं,
करम करते हैं जब बाबा तो पुश्तें तार देते हैं,
ओ प्रेमी जो भी मांगते हैं.....