उड़ते रंग गुलाल लाल और उड़ते रंग केसरिया,
चलो खाटू बुलावे सांवरिया......
बाजे ढोल नगाड़ा बाजे झूम झूम करतारी,
फागण के मौसम में खेलें होली ले पिचकारी,
रंग बिरंगी नज़र आ रही देखो श्याम नगरिया,
चलो खाटू बुलावे सांवरिया.....
रंगो में संसार रंगा है रंगा है तन मन सारा,
जिधर देखती हैं ये आँखें दिखता अलग नज़ारा,
प्रेम छलकता ऐसे जैसे जल की कोई गगरिया,
चलो खाटू बुलावे सांवरिया....
श्याम नाम का पी कर प्याला भगत सभी हर्षावे,
रंग रंगीले हाथ माहि ले निशान लहरावें,
श्याम दरश को तरस रही है प्यासी आज नजरिया,
चलो खाटू बुलावे सांवरिया...
टाबरिया को लगन लाग रही पंख अगर मैं पाऊं,
उड़ कर जाऊं श्याम से मिलने जीवन सफल बनाऊं,
ऋतू आयी पे धड़क मिलन की ठंडी चले पयरिया,
चलो खाटू बुलावे सांवरिया.....