अपने दिल का हाल मैं सुनावण आया हां,
मैं तो माहरे श्याम ने रिजवान आया हां,
भजन सुना श्याम महिमा गासा,
श्यामधनि की जेकर लगा सा,
भूलचुक की माफी माँगा,
रूसे घनश्याम मना सा,
अपने प्रीतम ने में पतलावन लाया हा,
मैं तो मेरे श्याम ने रिजावन आया हा,
सुख को साथी ये जग सरो,
दुःख को साथी श्याम हमारो,
श्याम ही हमारी बिगड़ी बनावे,
मने श्याम को एक सहारो,
भूलचुक की माफी माँगा,
रूसे घनश्याम मना सा,
उल्जी गंठा ने मैं सुल्जावन आया हा,
मैं तो माहरे श्याम ने रिजवान आया हां,
ये जीवन नैया को माजी,श्याममिजाजी हो जा राजी,
बिंदु है चरणों को सागर का बरसे क्या की नाराजी,
आंसू उदारी भेट में चदावन आया हा,
मैं तो माहरे श्याम ने रिजवान आया हां,