दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अखियाँ प्यासी रे

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अखियाँ प्यासी रे,
मन मंदिर की ज्योत जगा दो घट घट वासी रे,
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अखियाँ प्यासी रे,

मंदिर मंदिर मूरत तेरी फिर भी न दिखे सूरत तेरी ,
युग बीते न आई मिल्न की पूरणमाशी रे
दर्शन दो घनश्याम

द्वार दया का तू जब खोले पंचम स्वर में गूंगा बोले,
अँधा देखे लंगड़ा चल चल पोंछे काशी रे
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अखियाँ प्यासी रे,

पानी पी कर प्यास बुजाऊ नैनं को कैसे समजाऊ
आँख मचोलो छोड़ो अब तो मन के हासी रे,
दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अखियाँ प्यासी रे,

श्रेणी
download bhajan lyrics (1018 downloads)