देखो फागण आ गया,
चलो खाटु चलेते है….. हा….हा…..
चलो…..चलो……चलो....
चालो भगता चालो खाटु धाम,
फगणियो नी रे आये गयो,
मुझे कान्हा मांहि श्याम धणी को नाम,
फगणियो नी रे आये गयो....
सुनियो भाई नीले सांवरिये को मेलो लग सी भारी,
छोड़ के सारा काम काज तू कर खाटु की तैयारी,
क्या तू सोच कर ले थोड़ो सो गुण गान,
फगणियो नी रे आये गयो....
रिंगस से खाटु का नजारा देख के मन हर्षावे,
रंग बिरंगी श्याम ध्वजाए आसमान लहराए,
देशी तने सुनाई चंद ढपली की तान,
फगणियो नी रे आये गयो....
चालो भगता चालो खाटु धाम,
फगणियो नी रे आये गयो……
मन्दिरये के माये ने मिलसी कलयुग को अवतारी,
बाकी चितवन रूप सुनहरा और शोभा अति भारी,
शिवम दर्शन करले,
शिवम दर्शन करले आवेगा आराम,
फगणियो नी रे आये गयो....
फगणियो नी रे आये गयो,
फगणियो नी रे आये गयो,
फगणियो नी रे आये गयो,
मुझे कान्हा मांहि श्याम धणी को नाम,
फगणियो नी रे आये गयो....