हमारे साथ है श्री श्याम,
तो किस बात की चिंता,
सर पे रख दिया जब हाथ तो,
किस बात की चिंता है....
जलाकर ज्योत मेरे श्याम,
एक बार तो देखो,
ये हर दुख को ना दे दे ना मात,
तो किस बात की चिंता,
फसी मंझधार में नईया मेरी,
इसने ही संभाली है,
है अब पतवार तेरे हाथ,
तो किस बात की चिंता....
लगन जब से लगी है श्याम से,
ना जग से मोह माया,
मिला योगी को तेरा साथ,
तो किस बात की चिंता,
हमारे साथ है श्री श्याम,
तो किस बात की चिंता.....