तर्ज - श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
वसुदेवी नंदन तुमको वंदन करते है हम आज,
है योगिस्वर शांति सुरिस्वर रख लेना तुम लाज,
आये हम तो शरण तुम्हारी,
सुनलो गुरुवर अरज हमारी,
मझधार में है भक्तो की नैया,
पार करो तुम बनके खिवैया,
खेवनहार तू ही पार लगईय्या,
माँडोली वाले हे आबू वाले,
शांति सुरिस्व हे गुरुदेवा,
वसुदेवी नंदन तुमको वंदन करते है हम आज,
है योगिस्वर शांति सुरिस्वर रख लेना तुम लाज॥
कलयुग में तेरी महिमा न्यारी कोई समझ न पावे ।
जो भी आये शरण मे तेरी मालामाल हो जावे ।।
दुखियों का सहारा तू पालनहारा
मिनल का गुरुवर तू एक सहारा
दिलबर भक्तो का तू ही है लाज बचइय्या
माँडोली वाले हे आबू वाले,
शांति सुरिस्व हे गुरुदेवा,
वसुदेवी नंदन तुमको वंदन करते है हम आज
है योगिस्वर शांति सुरिस्वर रख लेना लाज.....