मां बाप की इस कलयुग में किस तरह कटी जिंदगानी,
वो बेटा क्या बेटा है जिसने मां की कदर ना जानी.....
नौ मास गर्भ में बंदे मां ने कितना कष्ट उठाया,
गीले में सोई जननी सूखे में तुझे सुलाया,
बदले में कुछ नहीं चाहा देखो मां की कुर्बानी,
वो बेटा क्या बेटा है....
मां बाप से बढ़कर जग में कोई देव नहीं है दूजा,
भगवान ने भी नर तन धर की इन दोनों की पूजा,
कोई कर्म नहीं है दूजा यह वेदों ने भी मानी,
वो बेटा क्या बेटा है....
मेहनत मजदूरी करके मुश्किल से तुझको पाला,
तू क्या जाने अज्ञानी मां ने सहा कशाला,
तू बन बैठा मतवाला जब आई तुझे जवानी,
वो बेटा क्या बेटा है....
जिसने तुझको जन्म दिया तू उसको आंख दिखाता,
इन बूढ़े मां बाप को एक रोटी को तरसाता,
तू सारी ऐश उड़ाता इनकी आंखों में पानी,
वो बेटा क्या बेटा है....
सुन लो कलयुग के बेटों जहां इनका मान ना होगा,
ऐसे पागल बेटों का हरगिज कल्याण ना होगा,
सतगुरु बिन ज्ञान ना होगा कह राम भगत अज्ञानी,
वो बेटा क्या बेटा है....