जेही मरने से जग डरे,मेरे मन आंनद
कब मरिहो कब पाईयो,पुरंण परमान्द
मरते मरते जग मुया,मुये ना जाना कोए
ऐसे होय के ना मुया,बहुर ना मरना होये
साधो ये मुर्दों का गांव
1.पीर मरे,पैगंबर मरी हैं,मरी हैं जिंदा जोगी
राजा मरी हैं,परजा मरी हैं,मरी हैं वैद और
रोगी साधो ये मुर्दो का गांव
साधो....
2.चंदा मरी हैं,सूरज मरी हैं,मरी हैं धरनी अकासा
चौदह भुवन के चौधरी मरी हैं,इनहुं को का आसा
साधो ये मुर्दो का गांव
साधो....