तेरे तीन बाणों में जादू है,
हारो को जीता देते है,
एक बाण इस पीपल के सारे,
पत्तो को मिटा देते है,
पत्तो को मिटा देते है,
तेरे तीन बाणो में जादू हैं....
बन गए अवध में आ के राम,
ब्रज जन्मे बन घनश्याम,
प्रकटे कलयुग में देवा,
पावन बन गया खाटू धाम,
पावन बन गया खाटू धाम,
बाबा मेरे है अंतर्यामी,
सबकी हरते पीड़ा स्वामी,
जो भी फिसलते है अज्ञानी,
उसकी बढ़ के कलाई थामी,
उसकी बढ़ के कलाई थामी,
उनकी माया का छोर नहीं,
रंक से राजा बना देते है,
तेरे तीन बाणो में जादू हैं......
कोई ध्वजा लिए जाए,
कोई चूरमा ले जाए,
कोई मुफ़लिस श्रद्धा से,
अपने आंसू बस दे आये,
अपने आंसू बस दे आये,
सबको अपना तुमने माना,
कोई फर्क ना तुमने जाना,
जो भी राह भटकते है,
उनको देते तुम ही ठिकाना,
उनको देते तुम ही ठिकाना,
तेरे जैसा कोई और नहीं,
बिगड़ी जो बना देते है,
तेरे तीन बाणो में जादू हैं.....