नाम लेते ही बन जाते हैं मेरे बिगड़े काम,
मेरे खाटू वाले श्याम धणी मेरे खाटू वाले श्याम.....
कृपा जो इनकी हो जाए बन जाए रंक से राजा,
दीन दुखी और निर्बल के लिए खुला है ये दरवाज़ा,
शीश के दानी मेरे बाबा का ये पावन धाम,
मेरे खाटू वाले श्याम धणी मेरे खाटू वाले श्याम.....
लगा हुआ दरबार प्रभु का आके अर्ज़ी लगा ले,
मुंह माँगा फल श्याम धणी से आकर के तू पाले,
हारे को मिल जाए सहारा लेकर इनका नाम,
मेरे खाटू वाले श्याम धणी मेरे खाटू वाले श्याम.....