पड़ा हूं चौखट पे तेरी,
दे दे सहारा माँ,
मझधार में है कश्ती,
दे दे किनारा माँ,
ओ माँ …. ओ माँ……….
बता दे मुझे माँ इतना,
नज़र क्यों है तूने फेरी,
ममता के इस आंचल में,
नहीं है जगह क्यों मेरी,
बचपन का प्यार फिर से,
दे दे दोबारा माँ,
मंझधार में है कश्ती दे दे किनारा माँ ………
खुशी के दो फूल माँ गू,
मैं भी तेरी बगिया से,
वो भी ना दे तो कह दे,
चला जाऊं दुनिया से,
खो जाऊं ऐसे जेसे,
टूटा हुआ तारा माँ ,
मंझधार में है कश्ती दे दे किनारा माँ ……….
सुनाऊं क्या तुझको मैया,
हाल मेरा जाने तू,
लाल बलजीत को भी,
देख पहचाने तू,
बोझ सी ये जिन्दगी अब,
नहीं है गंवारा माँ ,
मंझधार में है कश्ती दे दे किनारा माँ ……