घणा दिना सु म्हारो श्याम मुस्कायो
देख कालजो भर आयो २
कितनो ध्यायो,कितनो मनायो,
कितना असुवन भेंट चढ़ायो,
किस्मत से यो दिन आयो
देख कालजो भर आयो.........
कितनो जिव जलयो जड़ मान्यो,
विनती कर कर के में हारयो,
महर बादली बरसायो
देख कालजो भर आयो............
सांवरिया म्हे, निपट अनाड़ी,
म्हे नहीं जाना कान्हा ृत तुम्हारी
रीत प्रीत की समझायो
देख कालजो भर आयो.......
इब न महासू नैन चुराज्यो,
होठा री मुस्कान लुटाजो
नंदू दिल था पर आयो
देख कालजो भर आयो