ये पाप नशावन, पर्वत है पावन,
श्रीराम विराजे, लगता मनभावन,
कैसे आयेंगे जीवन में, खुशियों के पल,
कामतानाथ आके ले लो दुनियां के फल....
स्टेशन से थोड़ी दूरी, ना संसाधन की मजबूरी,
पांच मील बस चित्रकूट है, दस मिनटों में करलो पूरी,
पैसुनी नहाओ, मतगंजन जाओ,
आज्ञा ले उनसे, कामद को जाओ,
कैसे आयेंगे जीवन में, खुशियों के पल,
कामतानाथ आके ले लो दुनियां के फल....
मुख्य द्वार पे दर्शन करके, करें परिक्रमा पैदल चलके,
भरत राम के चरण निहारो, वो पहचान है भरत मिलन के,
मंदिर में आओ, सबशीश झुकाओ,
प्रभु अन्तर्यामी, मन में बैठाओ,
कैसे आयेंगे जीवन में, खुशियों के पल,
कामतानाथ आके ले लो दुनियां के फल....
कांटों की हैं फैली बाहें,देख निकलती दिल से आहें,
ताप सहे ग्यारह वर्षों तक,तब देखी आगे की राहें,
शबरी घर आये, संतों को भाये,
जो डर फैलाये ,परलोक पठाये,
कैसे आयेंगे जीवन में, खुशियों के पल,
कामतानाथ आके ले लो दुनियां के फल....