अब खत भी नहीं आते सदा भी नहीं आती

अब खत भी नही आते,
सदा भी नही आती,,,,,,,,
क्या य़ाद मेरी उनको,
ज़रा भी नही आती

बिमार मुहाबत को,
गजा भी नही आती
कुछ काम बकीरों की
दुआ भी नही आती

शीशे की तरह तोड़ ही
देते हैं दिलों को
ये कैसा सितमगर है
द़या भी नही आती

क्यों होते हो बेचैन,
मेरे दिल को दुखा के,
क्या तुमको मनाने की
आधा भी नही आती

श्रेणी
download bhajan lyrics (1164 downloads)