दूर खड़े क्या देख रहे हो,
साँवलीए सरकार,
कन्हैयाँ ले चल परली पार,
जहां बिराजे राधे राणी,
अलबेली सरकार,
कन्हैया ले चल परली पार.....
मै तो हूँ कागज की नैयाँ,
ना कोई माझी ना है खिवैयाँ,
बन नाविक प्रभु नाव संभालो,
बन नाविक प्रभु नाँव सम्भालों,
क्यों छोड़ी मजधार,
कन्हैयाँ ले चल परली पार,
कन्हैया ले चल परली पार.....
मुझकों ना आवे पूजा अर्चन,
श्याम करूँ क्या तुझकों मैं अर्पण,
मै तो बस चरणों का चाकर,
मैं तो बस चरणोँ का चाकर,
तू है प्राण आधार,
कन्हैयाँ ले चल परली पार,
कन्हैया ले चल परली पार.....
तेरे दरश को तरस रहे हैं,
नैन निगोड़े बरस रहे हैं,
निशदिन करते याद तुम्हे हम,
निशदिन करते याद तुम्हें हम,
मत भूलों सरकार,
कन्हैयाँ ले चल परली पार,
कन्हैया ले चल परली पार.....
कई जनम लिए तुमको ना पाया,
नंदू अब की मन भर आया,
जनमों की परवाह नहीं मुझे,
जन्मो की परवाह नहीं मुझे,
गर तू खैवनहार,
कन्हैयाँ ले चल परली पार,
कन्हैया ले चल परली पार......