मारी कुलदेवी ने घणा घणा ओलमा सा

मारी कुलदेवी ने मारी जगदंबा ने,
घणा घणा ओलमा सा,
थे तो आवो नी पधारो म्हारे आंगणे सा...

मारी कुलदेवी ने लाल चुनरिया सोवनी सा,
थे तो ओढ़नी चुनरिया हीरा मॉल री सा,
मारी कुलदेवी ने घणा घणा ओलमा सा....

मारी कुलदेवी तो सिंह चढ़े ने आवती सा,
साते भैरू काला गोरा मैया लावती सा,
मारी कुलदेवी ने घणा घणा ओलमा सा....

मारी जगदंबा रे ढोल नगाड़ा बाजता सा,
सारी रात में मंदिरिए भोपा नाचता सा,
मारी कुलदेवी ने घणा घणा ओलमा सा....

मारी कुलदेवी विराजे उदयपुर में सा,
दर्शन कर लो रे भाई डा मंदिर जोर का सा,
मारी कुलदेवी ने घणा घणा ओलमा सा..

मारी कुलदेवी की गाथा धरम गावता सा,
थे तो राखो नी सरणा में वे तो आवता सा,  
मारी कुलदेवी ने घणा घणा ओलमा सा...                                      
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