शीश विराजे गंगा

जिनके शीश विराजे गंगा,
शीश नवालो करेंगें सब चंगा,
मस्तक शशी को जो धारें,
प्रभा से जिनकी फैलें उजियारे,
भुजंग ग्रीवा जो लिपटाये,
भोलेनाथ सब कष्ट मिटाये,
रहते नंदी जी इनके साथ में,
धारें डमरू संग त्रिशूल हाथ में,
ऋषि मुनि दिकपाल देवजन,
राजा रंक हैं सब शिवगण,
भूत पिशाच संत अघोरी,
खड़े दर पे हाथ सब जोरी,
विश्वेश्वर विश्वनाथ भोले भंडारी,
कृपा करो नाथ अबकी बारी।

श्रेणी
download bhajan lyrics (528 downloads)