शिव शंकर भोले भंडारी तेरी महिमा अपरंपारी
भोले रहते जंगलों में भगत बसाए बंगलों में
देखी तेरी दिलदारी तेरी महिमा अपरंपारी
भोले घूमें नंदी पे भगत घुमाए मोटर पे
तेरी लीला अजब निराली तेरी महिमा अपरमपारी
जूट जटा से गंगा बहे नीलकंठ पे नाग फिरे
तेरी सूरत आनंद कारी तेरी महिमा अपरंपारी
शिव शंकर भोले भंडारी,,,,
धुन जिंदगी एक सफर है सुहाना
शब्द,, पारम्परिक व संकलन ।
29,3,2020 रविवार।
बाबा आनंदराम दरबार
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