भोलेनाथ तुम्हारे मंदिर में, मैं नया पुजारी आया हूं,
पूजा में कुछ भी लाया नहीं, बस अलख जगाने आया हूं.....
मन को तो बनाया मंदिर है, और मूर्ति तेरी बिठाई है,
पूजा की शक्ति दो भोले, मैं शरण तुम्हारी आया हूं,
भोलेनाथ तुम्हारे मंदिर में, मैं नया पुजारी आया हूं....
है बरसों की तो बात ही क्या, युग बीते तुमको पाने में,
अब तो आ जाओ मेरे भोले, मैं तुम्हें मनाने आया हूं,
भोलेनाथ तुम्हारे मंदिर में, मैं नया पुजारी आया हूं....
इस बैर भाव की दुनिया में, कोई भी मित्र नही मिलता,
जब नाम सुना भोले तेरा, तुम्हें मित्र बनाने आया हूं,
भोलेनाथ तुम्हारे मंदिर में, मैं नया पुजारी आया हूं....
मन को तो बनाया मंदिर है, और मूर्ति तेरी बिठाई है,
पूजा की शक्ति दो भोले, मैं शरण तुम्हारी आया हूं,
भोलेनाथ तुम्हारे मंदिर में, मैं नया पुजारी आया हूं....