हर तरफ साई का रंग फैला,
दुनिया उनके रंग में ही रंगी है,
आओ चरणों में सर को झुका लो,
मेरे साई की शिरडी सजी है।।
मेरा साई कर्म का है सागर,
वो बदलता है सबका मुक़द्दर,
इनके चरणों में जो कोई आया,
सोई किस्मत उसकी जगी है,
आओ चरणों में सर को झुका लो,
मेरे साई की शिरडी सजी है।।
एक ही रब्ब का करता इशारा,
हर मजहब है साई को प्यारा,
इनके चरणों में जो कोई आया,
सोई किस्मत उसकी जगी है,
आओ चरणों में सर को झुका लो,
मेरे साई की शिरडी सजी है।।