साईं लाखों को बाटे प्यार,
साई मेरा चंगा लगदा,
नीम के निचे समादि लगा के साई सब के कष्ट मिटाये,
शिरडी नगरी धुनि रमा के कड़वे नीम को मीठा बनाये,
मुझे छेड़ो न मेरे यार मैं साई दा मलंगा लगदा,
साई मेरा चंगा लगदा....
तन के कपड़ो पे मत जाना,
साई का तुम ध्यान लगना,
जिसने साई चोला देखा वो ही समजा वो ही जाना,
मेरा साई है लखदातार,
साई मेरा चंगा लगदा....
धरती से अम्बर कोई न छूटा कहते हो क्यों तुम किसी को अशुता,
मौत जब आये सब मिट जाए किसीका रिश्ता किस से छूटा,
सुनो हमसर का ये आगाज के साई मेरा चंगा लगदा,