तूने कहा था जो मेरे दर पे आता है,
मालिक की किरपा से हर दुःख मिट जाता है,
आज मैं आया शरण में तेरी,
अब तो सुनलो विनती मेरी,
सुना है दुखियो को तू गले लगता है,
तूने कहा था जो मेरे दर पे आता है,
हिन्दू मुसलमाँ सिख इसाई सभी लाल तेरे है भाई भाई,
अमृत की वर्षा तू सबपे वरसाता है,
तूने कहा था जो मेरे दर पे आता है,
मृत्यु भी भक्तो की तूने थी टाली,
तेरी अधाये सबसे निराली,
तभी तो साईं तू साईं कहलाता है,
तूने कहा था जो मेरे दर पे आता है,
शरधा सबुरी जिस में हो साईं उसपे रहमत तूने लुटाई,