उधो से कह रही रानी राधिका जी,
एजी हमें भूले रामा हमें भूले,
कृष्ण मुरारी..
उधो से कह रही रानी राधिका जी......
कारे कारे बदरा ब्रिज में छा रहे जी,
एजी कहीं बरसत रामा कहीं बरसत मूसलधार,
उधो से कह रही रानी राधिका जी.....
भर भर अखियां सो राधा रानी रो रही जी,
एजी जल्दी आइयो रामा जल्दी आइयो कृष्ण मुरारी,
उधो से कह रही रानी राधिका जी.....
सावन आयो शुगड सुहावना जी,
एजी कहीं कुके रामा कहीं कुके कोयल कारी,
उधो से कह रही रानी राधिका जी.....
झूला तो पड़ गए अमुआ की डाल पे जी,
एजी कहीं झूले रामा कहीं झूले कृष्ण मुरारी,
उधो से कह रही थी राधिका जी.....