बिक गए मदन गोपाल भगतो की भगति पे ॥
भगतो की भगति पे संतो की शक्ति पे ॥
मुरली भी बिक गई माला भी बिक गयी ॥
बीम गया मुकुट विशाल भगतो ........
माखन भी बिक गया मिश्री भी बिक गयी ॥
हो गया आज कमाल भगतो .......
चादर भी बिक गयी कमली भी बिक गयी ॥
बिक गयी तिरछी चाल भगतो ......
मोहन ने सब कुछ है बेचा ॥
भगत हुए मालामाल भगतो.......