आजा कन्हैया आजा,
हमने कितनी बार पुकारा हो कहा तुम सांवरियां,
आजा कन्हैया आजा....
जो नाव कोई चला नहीं पाए,
उसे श्याम तुहि पार लगाए,
एहि है पेशा श्याम तुम्हारा हो कहा तुम सांवरिया,
आजा कन्हैया आजा ..........
पहले ये नैया चलाई ना होती भुलाने की आद्दत लगाई न होती ,
कई दफा तूने हमको उबारा हो कहा तुम सांवरियां,
आजा कन्हैया आजा .......
पहले तो आते थे बिना ही भुलाये,
इस बार ना तुम भुलाने से आये,
भूल गए क्या नाम हमारा हो कहा तुम सांवरियां,
आजा कन्हैया आजा .....
हाथो का जोर तेरा निकल गया क्या,
बनवारी पेशा बदल गया क्या.
छोड़ दिया क्या देना सहारा हो कहा तुम सांवरिया,
आजा कन्हैया आजा........