सिर पे ओ भोले अपने चुनरिया डाल के,
भोला से बन गए भोली घुँघटा निकाल के.....
ये तो बता दो कहा छुपेगी ये कंठी ये माला,
ये कंठी ये माला..
कहां छुपाओ भोले अपनी ये सर्पो की माला,
ये सर्पो की माला..
इनको तो गोरा मेरी झोली में डाल दे,
भोला से बन गए भोली घुँघटा निकाल के....
ये तो बता दो कहा छुपेगा ये गंगा का पानी,
ये गंगा का पानी..
मर्दानी आवाज को भोले कैसे करोगे जनानी,
कैसे करोगे जनानी..
मुख पे तू गोरा मेरे घुँघटा बस डाल दे,
भोला से बन गए भोली घुँघटा निकाल के....
खबर पड़ी जब नंदलाला को नंदलाला मुस्काये,
नंदलाला मुस्काये..
सब तो आये बिन घूंघट के ये घूंघट में आये,
ये घूंघट में आये..
पाले पड़े हो भोले आज नंदलाल के,
भोला से बन गए भोली घुँघटा निकाल के....
घूंघट पलट दिया कान्हा ने भोलेनाथ मुस्काये,
भोलेनाथ मुस्काये..
उसी समय पर भोले दानी गोपेस्वर कहलाये,
गोपेस्वर कहलाये..
औघड़ दानी है भोले पर है कमाल के,
भोले से बन गए भोली घुँघटा निकाल के.....