फ़रियाद करती हूँ दिल शाद करती हूँ,
मुरली मनोहर से ह्रदय की बात कहूंगा,
खामोश रहूँगा......
सच कहता हूँ श्याम हकीकत मेरी है,
तेरे फैसले में भी इतनी देरी है,
खुशियां दो चाहे ग़म दो सर झुका के सहूंगा,
खामोश रहूँगा......
मुरली वाले श्याम सुनाई कब होगी,
दूरी से गोपाल रिहाई कब होगी,
मीठी यादों की त्रिवेणी के बीच बहूंगा,
खामोश रहूँगा.......
श्याम बहादुर शिव के तुम ही साथी हो,
मन दिवले की कृष्ण कन्हैया बाती हो,
तेरे चाहने वालों केआगे मैं तो रहूँगा,
खामोश रहूँगा.......