अब मुश्किल ना उलझन कोई, ना डरने की बात है,
मेरा खाटू वाला साथ है,
जब श्याम संवारा साथ है....
रिंग्स से मैं करूं यात्रा अब निशान उठाकर,
खुश पूरा परिवार भी होगा,
श्याम के दर्शन पाकर,
हम सब पे अब होने वाली,
रहमत की बरसात है,
मेरा खाटू वाला साथ है,
जब श्याम संवारा साथ है....
चांद से सुंदर रूप है जिसका,
उसको क्या श्रृंगारूं ,
श्याम धनी को क्या ले जाऊं,
मन में सोच विचारू,
मैं सच्ची श्रद्धा ले आया,
बस इतनी सौगात है,
मेरा खाटू वाला साथ है,
जब श्याम संवारा साथ है....
जब से बाबा साथ खड़े हो,
बदल गए दिन मेरे,
‘विक्रम’ को भी जानते है सब,
अब तो चार–चुफेरे,
तू संग है पहचान बन गई,
मेरी क्या औकत है,
मेरा खाटू वाला साथ है,
जब श्याम संवारा साथ है....