तेरी रहमत का है बोझ इतना जिसे मैं उठाने के काबिल नहीं हूँ,
मैं आ तो गया हूँ मगर जानता हूँ तेरी चौखट पे आने के काबिल नहीं हूँ....
रहमत बरस रही है बाबा तेरी नज़र से,
ये सृष्टि पल रही है बाबा तेरी नज़र से,
रहमत बरस रही है......
तेरे हुकुम से बाबा सूरज निकल रहा है,
तेरे हुकुम से खाटूवाले सूरज निकल रहा है,
हर शाम ढल रही है बाबा तेरी नज़र से,
रहमत बरस रही है......
तुमसे ही चाँद तारे तुमसे गगन सितारे,
तुमसे ही चाँद तारे सारे तुमसे गगन सितारे,
ये हवाएं बह रही हैं बाबा तेरी नज़र से,
रहमत बरस रही है......
दरिया दया का तुम हो खुशियों का तुम चमन हो,
करुणा निकल रही है, बाबा तेरी नज़र से,
रहमत बरस रही है.......
ब्राह्मण का है ये कहना बस इतना ध्यान देना,
ब्राह्मण का है ये कहना बाबा बस इतना ध्यान देना,
मेरी नाव चल रही है बाबा तेरी नज़र से,
रहमत बरस रही है........