ह्रदय में राम बसे हैं,
संग में जानकी माता,
बैठा खड़ताल बजाए,
भजन राम के गाता....
आठों याम, सुबह शाम,
राम की महिमा गाता,
राम नाम की मस्ती में,
सुध सारी बिसराता,
ह्रदय में राम बसे हैं....
संकट उबारे राम के,
संकटमोचन कहलाता,
प्रिय जो अति राम का,
जिसे दुलारती सीता माता,
ह्रदय में राम बसे हैं....
राम लखन मां सीता की,
जय जय कार लगाता,
जो लगाए जयकारा वीर का,
वो कृपा राम की पाता,
राजीव लगाए जयकारा वीर का,
वो कृपा सदा ही पाता,
ह्रदय में राम बसे हैं....
©राजीव त्यागी नजफगढ़