जय पवन पुत्र हनुमान की

जय पवन पुत्र हनुमान की जय बोलो
कोई हुआ न होगा ऐसा श्री राम भक्त के जैसा
जो राम की सेवा में बाजी लगा दे जान की
जय पवन पुत्र हनुमान की

जाके समुंदर पार फूंकदी पापी रावण की लंका
वो लंका बीच अकेले ने श्री राम का बजा दिया डंका
ऊँगली पे सबको नचा दिया ढा दी नगरी अभी मान की
जय पवन पुत्र हनुमान की

जब शक्ति लगी लक्ष्मण जी के प्रभु पे संकट आया भारी
द्रोणागिरी पर्वत पोहंचे लेने को भुट्टी बलधारी
पूरा पर्वत ही ले आये विपता ताली श्री राम की
जय पवन पुत्र हनुमान की

इक छोटी सी बात थी अलबेले ने चीर दी छाती,
फिर दिखा सभी को दीनी श्री राम सिया की छाती
जिस माला में मेरे राम न हो वो माला है किस काम की
जय पवन पुत्र हनुमान की

download bhajan lyrics (801 downloads)