सावन का महीना आया है बहार के लिए

तर्ज – दिल दीवाने का डोला

सावन का महीना आया है,
बहार के लिए,
डलवाया झूला हमने,
लखदातार के लिए.....

रिमझिम बरसे है घटायें,
बागो की मस्त छटाएँ,
इस ऋतू में आप जो आए,
हम सारी खुशियां पाएं,
मेरा तन मन तरस रहा है,
उस प्यार के लिए,
डलवाया झूला हमने,
लखदातार के लिए.....

जब झूले पर बैठेंगे,
ये सब लोग बलैया लेंगे,
हम प्यार से झोटा देंगे,
बस एक ही बात कहेंगे,
तेरा लहरी तरस रहा है,
उध्द्दार के लिए,
डलवाया झूला हमने,
लखदातार के लिए......
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