तर्ज - अकेले है चले आओ
चुरू वाले चले आओ कहाँ हो,
सुनलो आवाज ओ बाबा जहाँ हो,
चुरू वाले चले.....
तुम्हे सब कुछ पता है, मेरी क्या ये खता है,
मैं हारा हूँ जहाँ से न मिलता रास्ता है,
चुरू वाले चले.....
दिल मे है जो जख्म ओर गम, लगादो उस पे मरहम,
अगर तुम न सुनोगे तो, कहाँ जाये बता हम,
चुरू वाले चले.....
तुम्हे दिल मे बसाकर, देव "दिलबर" ने रखा,
कोई तेरे सिवा न, हमपे बाबा रहम कर,
चुरू वाले चले.....