जयकारा तू लगा कावड़ियाँ

बम भोले जयकारा तू लगा कावड़ियाँ,
गंगा जल तू भोले पे चढ़ा कावड़ियाँ,
भोला सुनेहरा अर्ज को तेरी पूरी करेगा सारी मुरादे तुम्हारी,
ऐसा है त्रिपुरारी जयकारा तू लगा कावड़ियाँ,
भोला बड़ा है भोला बाला जब तुम से खुश होगा,
सुख भर देगा दुःख हर लेगा जयकारा तू लगा कावड़ियाँ…..

पावन मन से गंगा से जल भरके तू चलता चल,
नाम सुमिर के आगे बढ़ तू शिव शम्भू का हर पल,
गंगा जल से शिव शंकर को जब तू नेहलायेगा,
भोला भाला उमा पति तुमसे खुश हो जाएगा,
खुश करके भोले से तू जो मांगे वो पायेगा,
लख चौरासी तर कर तू मोक्श को पायेगा,
शरण में आया जो आया उसने पाई भोले की महिमा सारी भैया अति भारी,
ओ भोले भंडारी जयकारा तू लगा कावड़ियाँ…..

गंगा जल को लेकर चल तू शिव जी के द्वार,
भोले को करा दे गंगा जल से इशनान,
शिव का मिलान गंगा जल से जो होगा,
तब महादेव तेरा कर देंगे कल्याण,
भोला भंडारी तेरे संकट हर लेते सारे,
शार्दुल के सोये भाग पल में जागे गे सारे,
हे महादेवा करे तेरी सेवा शरण में अब तो लेले,
किरपा बरसादे दर्श तो दिखादे नसीबा जाग जाएगा,
ओ भोले भंडारी जयकारा तू लगा कावड़ियाँ…..
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