मन पेरशान है दिल भी हैरान है,
हरता जा रहा हु तू कहा श्याम है,
चलते चलते प्रभु आ गया मैं कहा,
कुछ खबर ही नही कुछ नई जान है,
है कठिन ये सफ़र दूर मंजिल बड़ी,
ना तो है रहा गुजर मुश्किले भी खड़ी,
कांपते होठो पे भी तेरा नाम है,
हरता जा रहा हु तू कहा श्याम है,
मन पेरशान है दिल भी हैरान है,
नीर जैसे मेरे अस्क है भेह रहे,
सुन भी लो न प्रभु तुमसे कुछ कह रहे,
अन्सियो में छुपा मेरा पैगाम है,
हरता जा रहा हु तू कहा श्याम है,
मन पेरशान है दिल भी हैरान है,
अब समाये आ गया मेरे संकट हरो जखम जो भी मेरे श्याम तुम ही भरो,
तेरे निर्मल का बस तू ही गेहबान है,
हरता जा रहा हु तू कहा श्याम है,
मन पेरशान है दिल भी हैरान है,