भर देती झोली सबकी, मईया के दर जो आये,
मईया के दर जो आये, मांगी मुरादें पाये,
बन जो सवाली आये, मन से जो माँ को ध्याये,
सब दुःख वो दूर है करती, मईया हमारी.......
हो.. तुझसे प्रीत लगाये वो जो, फिर काहे घबराये,
मईया तुझसे जो प्रीत लगाये.
अंत समय जब उसका आये, जग से मुक्ति पाये,
मईया जग से मुक्ति पाये.
हो.. ऐसा वरदान दे, तू हमें ज्ञान दे,
हो तुझको हीे पूजे अम्बे, दुनिया ये सारी,
भर देती....
हो.. शुम्भ-निषुम्भ तूने संहारे, ऋषिमुनि को तारे,
मईया शुम्भ-निषुम्भ संहारे,
जीत तू पल में उसकी कर दे, भक्त तेरा जो हारे,
मईया भक्त तेरा जो हारे,
हो.. तेरे गुणगान को, मईया करते रहूॅं,
महिमा जो तेरी मईया जग में है न्यारी,
भर देती ......
हो.. जब से तेरा द्वार मिला मॉं, मन की शक्ति पा ली,
मईया मन की शक्ति पा ली,
भक्ति तेरी दिन रात करूॅं मैं, कोई ना दिन जाये खाली,
मईया कोई ना दिन जाये खाली,
हो.. ष्अरविन्दष् (भक्त) तेरे सरन, कर दे मईया करम,
हो.. महिमा तेरी मैं गाऊॅं, बनके सवाली,
भर देती.....