देख सखी भोला की आ गई बारात,
रस बारी के भौंरा रे,
भौंरा रे भौंरा रे, आ गई बारात,
रास बारी के भौंरा रे,
देख सखी भोला की....
राजा हिमांचल ने मंडप डराऐ,
रस बारी के भौंरा रे..
दस हजार हाथ लंबे चौड़े डराऐ,
रास बारी के भौंरा रे...
हीरा और मोती के पत्ता चढ़वाए,
रस बारी के भौंरा रे...
गज मोतीयों के चौंक पुरवाऐ,
रस बारी के भौंरा रे...
ब्रह्मा विष्णु नारद और देवता भी आए.
रस बारी के भौंरा रे...
भोले बाबा पार्वती व्याहने को आए,
रस बारी के भौंरा रे...
Ramkrishan yadav