खो गई रे बाँसुरिया हाय कान्हा परेशान रे,
बंसी नहीं नाम की जानू ये तेरी जान रे,
ये तेरी पहचान रे,
वहीँ बंसी मिलेगी जहाँ राधा मिलेगी....
यमुना के तीर जब आई राधा रानी,
उसने छुपाई होगी तेरी बंसी दीवानी,
बासनी बिन का करे कान्हा छेड़े कैसे तान रे,
बंसी नहीं नाम की जानू ये तेरी जान रे,
ये तेरी पहचान रे,
वहीँ बंसी मिलेगी जहाँ राधा मिलेगी.....
किसने लगा दी नजरिया कान्हा तोरी बंसी को,
जा के ज़रा पूछो कहाँ रखी राधे बंसी को,
दे दे गर हाय मुरली जो राधे ले लूँ मैं बलैयां रे,
बंसी नहीं नाम की जानू ये तेरी जान रे,
ये तेरी पहचान रे,
वहीँ बंसी मिलेगी जहाँ राधा मिलेगी.....