सावन का महिना है तेरी याद सताती है

सावन का महिना है तेरी याद सताती है,
मेरी आंखे बनी बादल बरसात बहाती है,

देखा होता जो मेरी हालत को तुम को पसीना आ,
जाता इतना रोता तेरी चोकाथ पर सावन का महिना आ जाता,
मैं तेरी हु मैं तेरी हु ये भुजा उठा के गा निकली ,
ना जाने जोगी कहा छुपा मैं दर दर अलख जगा निकली,

जब श्याम चले मथुरा नगरी रोती थी ब्रिज की गली गली,
वृधावन  सारा रोता था  हर काम छोड़ कर सखी चली,
अब बहुत हुई रसिया प्रीतम,

श्रेणी
download bhajan lyrics (1423 downloads)