मटके वाली

                बड़े चर्चा सुने है तेरे माल के

कान्हा बड़े नटखट है राधिका को रहा मैं रोक लेते हैं और राधिका से कहते हैं

ओ मटके वाली, जरा मटका दिखा जा।
ना हमसे छुपाना, तू दहिया दे निकल के।

बड़े चर्चा सुने है तेरे माल के

उस दिन जो तूने वादा किया था, आउंगी पर ना आई
झुठे वादे....... ना कर हमसे
झुठे वादे ना कर हम से चल वो चलने वाली
बड़े चर्चा सुने है तेरे माल के।

उस दिन जो मेरी बहो में आकार, झूलुंगी पर ना झूली
झुठी कस्मान... न खा मेरी
झुठी कसम न खा मेरी वादा तोडने वाली
बड़े चर्चा सुने है तेरे माल के

राधिका क्या कहती है-

देखो नंद बाबा का छोरा रे मटकिया फोड़े छुम

हम यमुना और जावा रे मटकिया फोड़े छुम

देखो नंद बाबा का छोरा रे मटकिया फोड़े छुम

और क्या कहती है राधा-

आर क्यु रोटी रे क्यू फोड़ी रे कढुला
दही भरी मटकी क्यू फोड़ी रे

बरसाना जावा रे यमुना का जावा रे कधुला
दही भरी मटकी क्यू फोड़ी रे।

आर क्यु रोटी रे क्यू फोड़ी रे कढुला
दही भरी मटकी क्यू फोड़ी रे

तो क्या कहते हैं कान्हा-

थोड़ा खाने को दहिया देव न अजी देव ना

अरी मटकी वाली सुन्ना मेरी बात, अब दहिया देव एक बार।
थोड़ा खाने को दहिया देव न अजी देव ना

तब राधिका मां यशोदा के पास जकार कान्हा की शिकायते करते हैं-

मैया कान्हा तो खूब ही सत है
सरो दहिया लूत जाट है

घर का ताला उन्दी तोध घर मैं घुसो नंदकिशोर
ग्वालपालो की टोली बना है

सरो दहिया लूत जाट है।


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