नन्द भवन नन्द लाल ठुमक चलन लागे
पीछे माँ यशोमती बाबा नन्द आगे
लाल चलन लागे
लघु लघु पद ढगमग शिखन छवि जग मग जग मग
किनी किनी धुन सुन सुन कर भूमि भाग जागे
लाल चलन लागे
आंगन की शोभा पर तीन लोक नोश्यावर,
देवा सुर देख देख के अनुरागे रागे
लाल चलन लागे
अष्ट सखी अष्ट सखा सिर पर है मोर पखा
दभी के हित और कौन शीर सिन्धु त्यागे
लाल चलन लागे