साईं साईं पुकारू मैं गलियों में,
कभी फूलो में धुंधू कभी कलियों में,
साईं साईं पुकारू मैं गलियों में,
करदो मुझपे कर्म बात बन जायेगी,
फूटी किस्मत ये मेरी सवर जायेगी,
तुम हो सबसे वली सारे वलियो में,
साईं साईं पुकारू मैं गलियों में....
ऐसा रुखा मेरा साईं काहा न माने,
मेरे दिल मेरी जाहा की कदर न जाने,
मैं भी बन गया सवाली सब सवालियो में,
साईं साईं पुकारू मैं गलियों में.......
मेरी बिगड़ी बना दो राह फूलो से सजा दो,
गाऊ तेरा भजन तान इसी बना दो रस गोल दो संजय की बोलियों में,
साईं साईं पुकारू मैं गलियों में