तेरे दर पे सर झुकाया तो ज़न्नत को पा लिया,
छोड़ा सारा जहां तुझको मना लिया,
तेरे दर पे सर झुकाया तो ज़न्नत को पा लिया,
मस्ती में झूमता हु मैं हर गड़ी हर पल,
जब से तुझे है बाबा अपने दिल में वसा लिया,
छोड़ा सारा जहां तुझको मना लिया,
तेरे दर पे सर झुकाया तो ज़न्नत को पा लिया,
तुझसे बड़ा जहां में कोई रहम दिल नही,
तेरे रहमतो का जलवा मैंने भी पा लिया,
छोड़ा सारा जहां तुझको मना लिया,
तेरे दर पे सर झुकाया तो ज़न्नत को पा लिया,
मुश्किल हर इक मेरी आसान हो गई,
तेरी ज्योत को ऐ बाबा अजब से दिल में वसा लिया,
छोड़ा सारा जहां तुझको मना लिया,
तेरे दर पे सर झुकाया तो ज़न्नत को पा लिया,