बचपन से मां ने मुझे श्री श्याम सिखाया है,
तू ही है मात पिता तू ही हमसाया है....
तूतलाती बोली से तेरा नाम ही सीखा है,
ये होश संभाले जब से, बस दर तेरा देखा है,
गोदी में रखकर सिर, तूने सहलाया है,
तू ही है मात पिता तू ही हमसाया है....
रहमत से तेरी श्याम, सांसे मेरी चलती हैं,
दिल की हर धड़कन बस, तेरी माला जपती है,
मैंने जब भी पुकारा तुझे अपने साथ ही पाया है,
तू ही है मात पिता तू ही हमसाया है....
कोई भी विपदा श्याम, मुझे छू नहीं पाती है,
ये मोर छड़ी तेरी श्याम, पहरा जो लगाती है,
हारे के साथ ही हो तुम मैंने तो पाया है,
तू ही है मात पिता तू ही हमसाया है....
किंशु ने बुना सपना, बस तेरा हो जाऊं,
ये सांस चले जब तक, बस भजन तेरे गांऊ,
मांगा जो दर से तेरे, वो प्यार भी पाया है,
तू ही है मात पिता तू ही हमसाया है....